सुबन्तावली
क१
Roma
पुमान्
एक
द्वि
बहु
प्रथमा
कः
कौ
के
सम्बोधनम्
द्वितीया
कम्
कौ
कान्
तृतीया
केन
काभ्याम्
कैः
चतुर्थी
कस्मै
काभ्याम्
केभ्यः
पञ्चमी
कस्मात्
काभ्याम्
केभ्यः
षष्ठी
कस्य
कयोः
केषाम्
सप्तमी
कस्मिन्
कयोः
केषु
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© Gérard Huet 1994-2023