प्राप्य |
प्राप्य |
प्र_आप्1{कृत्_प्रत्ययः:ल्यप्;आपॢँ;स्वादिः}/प्र_आप्2{कृत्_प्रत्ययः:ल्यप्;आपॢँ;चुरादिः}/प्रा_आप्1{कृत्_प्रत्ययः:ल्यप्;आपॢँ;स्वादिः}/प्रा_आप्2{कृत्_प्रत्ययः:ल्यप्;आपॢँ;चुरादिः} |
प्र_आप्{कृत्_प्रत्ययः:ल्यप्;प्र_आपॢँ;स्वादिः} |
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पूर्वकालः 17 |
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प्राप्त_होकर_(स्वर्ग_में_अपने_शुभ_कर्मों_का_फल_भोगकर) |
achieves |
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GL |