15.17.A | यस्मात् |
15.17.B | यस्मात्क्षरमतीतोऽहमक्षरादपि |
15.17.C | यस्मात्{अव्य}/यद्{पुं}{5;एक}/यद्{नपुं}{5;एक} |
15.17.D | यस्मात्{अव्य} |
15.17.E | - |
15.17.F | - |
15.17.G | अपादानम् 5 |
15.17.H | - |
15.17.I | क्योंकि |
15.17.J | because |
15.17.K | - |
15.17.L | चर्त्व-सन्धिः (खरि च (8।4।55)) / रुत्व-उत्व-गुण-पूर्वरुप-सन्धिः (ससजुषो रुः (8।2।66)-अतो रोरप्लुतादप्लुते (6।1।113)-आद्गुणः (6।1।87)-एङः पदान्तादति (6।1।109)) / जश्त्व-सन्धिः (झलां जशोऽन्ते (8।2।39)) |
15.17.M | GGLGLGGGGLGLL |