सुबन्तावली ?वहि
Roma
पुमान्
एक
द्वि
बहु
प्रथमा
वहिः
वही
वहयः
सम्बोधनम्
वहे
वही
वहयः
द्वितीया
वहिम्
वही
वहीन्
तृतीया
वहिना
वहिभ्याम्
वहिभिः
चतुर्थी
वहये
वहिभ्याम्
वहिभ्यः
पञ्चमी
वहेः
वहिभ्याम्
वहिभ्यः
षष्ठी
वहेः
वह्योः
वहीनाम्
सप्तमी
वहौ
वह्योः
वहिषु
समास
वहि
॰
अव्यय
॰वहि
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© Gérard Huet 1994-2024