सुबन्तावली ?हरि
Roma
पुमान्
एक
द्वि
बहु
प्रथमा
हरिः
हरी
हरयः
सम्बोधनम्
हरे
हरी
हरयः
द्वितीया
हरिम्
हरी
हरीन्
तृतीया
हरिणा
हरिभ्याम्
हरिभिः
चतुर्थी
हरये
हरिभ्याम्
हरिभ्यः
पञ्चमी
हरेः
हरिभ्याम्
हरिभ्यः
षष्ठी
हरेः
हर्योः
हरीणाम्
सप्तमी
हरौ
हर्योः
हरिषु
समास
हरि
॰
अव्यय
॰हरि
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© Gérard Huet 1994-2024