तिङन्तावली
हृ२
Roma
अप्रत्ययान्तधातु
लट्
आत्मनेपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
हृणीते
हृणाते
हृणते
मध्यम
हृणीषे
हृणाथे
हृणीध्वे
उत्तम
हृणे
हृणीवहे
हृणीमहे
लङ्
आत्मनेपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
अहृणीत
अहृणाताम्
अहृणत
मध्यम
अहृणीथाः
अहृणाथाम्
अहृणीध्वम्
उत्तम
अहृणि
अहृणीवहि
अहृणीमहि
विधिलिङ्
आत्मनेपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
हृणीत
हृणीयाताम्
हृणीरन्
मध्यम
हृणीथाः
हृणीयाथाम्
हृणीध्वम्
उत्तम
हृणीय
हृणीवहि
हृणीमहि
लोट्
आत्मनेपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
हृणीताम्
हृणाताम्
हृणताम्
मध्यम
हृणीष्व
हृणाथाम्
हृणीध्वम्
उत्तम
हृणै
हृणावहै
हृणामहै
लृट्
आत्मनेपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
हरिष्यते
हरिष्येते
हरिष्यन्ते
मध्यम
हरिष्यसे
हरिष्येथे
हरिष्यध्वे
उत्तम
हरिष्ये
हरिष्यावहे
हरिष्यामहे
लुट्
परस्मैपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
हर्ता
हर्तारौ
हर्तारः
मध्यम
हर्तासि
हर्तास्थः
हर्तास्थ
उत्तम
हर्तास्मि
हर्तास्वः
हर्तास्मः
लिट्
आत्मनेपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
जह्रे
जह्राते
जह्रिरे
मध्यम
जह्रिषे
जहृषे
जह्राथे
जह्रिध्वे
जहृध्वे
उत्तम
जह्रे
जह्रिवहे
जहृवहे
जह्रिमहे
जहृमहे
आशीर्लिङ्
परस्मैपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
ह्रियात्
ह्रियास्ताम्
ह्रियासुः
मध्यम
ह्रियाः
ह्रियास्तम्
ह्रियास्त
उत्तम
ह्रियासम्
ह्रियास्व
ह्रियास्म
कृदन्त
शानच्
हृणान
m.
n.
हृणाना
f.
लुडादेश आत्म
हरिष्यमाण
m.
n.
हरिष्यमाणा
f.
लिडादेश आत्म
जह्राण
m.
n.
जह्राणा
f.
अव्यय
तुमुन्
हर्तुम्
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