तिङन्तावली ?गेव्
Roma
अप्रत्ययान्तधातु
लट्
परस्मैपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
गेवति
गेवतः
गेवन्ति
मध्यम
गेवसि
गेवथः
गेवथ
उत्तम
गेवामि
गेवावः
गेवामः
आत्मनेपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
गेवते
गेवेते
गेवन्ते
मध्यम
गेवसे
गेवेथे
गेवध्वे
उत्तम
गेवे
गेवावहे
गेवामहे
कर्मणि
एक
द्वि
बहु
प्रथम
गेव्यते
गेव्येते
गेव्यन्ते
मध्यम
गेव्यसे
गेव्येथे
गेव्यध्वे
उत्तम
गेव्ये
गेव्यावहे
गेव्यामहे
लङ्
परस्मैपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
अगेवत्
अगेवताम्
अगेवन्
मध्यम
अगेवः
अगेवतम्
अगेवत
उत्तम
अगेवम्
अगेवाव
अगेवाम
आत्मनेपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
अगेवत
अगेवेताम्
अगेवन्त
मध्यम
अगेवथाः
अगेवेथाम्
अगेवध्वम्
उत्तम
अगेवे
अगेवावहि
अगेवामहि
कर्मणि
एक
द्वि
बहु
प्रथम
अगेव्यत
अगेव्येताम्
अगेव्यन्त
मध्यम
अगेव्यथाः
अगेव्येथाम्
अगेव्यध्वम्
उत्तम
अगेव्ये
अगेव्यावहि
अगेव्यामहि
विधिलिङ्
परस्मैपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
गेवेत्
गेवेताम्
गेवेयुः
मध्यम
गेवेः
गेवेतम्
गेवेत
उत्तम
गेवेयम्
गेवेव
गेवेम
आत्मनेपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
गेवेत
गेवेयाताम्
गेवेरन्
मध्यम
गेवेथाः
गेवेयाथाम्
गेवेध्वम्
उत्तम
गेवेय
गेवेवहि
गेवेमहि
कर्मणि
एक
द्वि
बहु
प्रथम
गेव्येत
गेव्येयाताम्
गेव्येरन्
मध्यम
गेव्येथाः
गेव्येयाथाम्
गेव्येध्वम्
उत्तम
गेव्येय
गेव्येवहि
गेव्येमहि
लोट्
परस्मैपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
गेवतु
गेवताम्
गेवन्तु
मध्यम
गेव
गेवतम्
गेवत
उत्तम
गेवानि
गेवाव
गेवाम
आत्मनेपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
गेवताम्
गेवेताम्
गेवन्ताम्
मध्यम
गेवस्व
गेवेथाम्
गेवध्वम्
उत्तम
गेवै
गेवावहै
गेवामहै
कर्मणि
एक
द्वि
बहु
प्रथम
गेव्यताम्
गेव्येताम्
गेव्यन्ताम्
मध्यम
गेव्यस्व
गेव्येथाम्
गेव्यध्वम्
उत्तम
गेव्यै
गेव्यावहै
गेव्यामहै
लृट्
परस्मैपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
गेविष्यति
गेविष्यतः
गेविष्यन्ति
मध्यम
गेविष्यसि
गेविष्यथः
गेविष्यथ
उत्तम
गेविष्यामि
गेविष्यावः
गेविष्यामः
आत्मनेपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
गेविष्यते
गेविष्येते
गेविष्यन्ते
मध्यम
गेविष्यसे
गेविष्येथे
गेविष्यध्वे
उत्तम
गेविष्ये
गेविष्यावहे
गेविष्यामहे
लुट्
परस्मैपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
गेविता
गेवितारौ
गेवितारः
मध्यम
गेवितासि
गेवितास्थः
गेवितास्थ
उत्तम
गेवितास्मि
गेवितास्वः
गेवितास्मः
लिट्
परस्मैपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
जगेव
जगेवतुः
जगेवुः
मध्यम
जगेविथ
जगेवथुः
जगेव
उत्तम
जगेव
जगेविव
जगेविम
आत्मनेपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
जगेवे
जगेवाते
जगेविरे
मध्यम
जगेविषे
जगेवाथे
जगेविध्वे
उत्तम
जगेवे
जगेविवहे
जगेविमहे
आशीर्लिङ्
परस्मैपदे
एक
द्वि
बहु
प्रथम
गेव्यात्
गेव्यास्ताम्
गेव्यासुः
मध्यम
गेव्याः
गेव्यास्तम्
गेव्यास्त
उत्तम
गेव्यासम्
गेव्यास्व
गेव्यास्म
कृदन्त
क्त
गेव्त
m.
n.
गेव्ता
f.
क्तवतु
गेव्तवत्
m.
n.
गेव्तवती
f.
शतृ
गेवत्
m.
n.
गेवन्ती
f.
शानच्
गेवमान
m.
n.
गेवमाना
f.
शानच् कर्मणि
गेव्यमान
m.
n.
गेव्यमाना
f.
लुडादेश पर
गेविष्यत्
m.
n.
गेविष्यन्ती
f.
लुडादेश आत्म
गेविष्यमाण
m.
n.
गेविष्यमाणा
f.
तव्य
गेवितव्य
m.
n.
गेवितव्या
f.
यत्
गेव्य
m.
n.
गेव्या
f.
अनीयर्
गेवनीय
m.
n.
गेवनीया
f.
लिडादेश पर
जगेव्वस्
m.
n.
जगेवुषी
f.
लिडादेश आत्म
जगेवान
m.
n.
जगेवाना
f.
अव्यय
तुमुन्
गेवितुम्
क्त्वा
गेव्त्वा
ल्यप्
॰गेव्य
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