सुबन्तावली ?चरि
Roma
पुमान्
एक
द्वि
बहु
प्रथमा
चरिः
चरी
चरयः
सम्बोधनम्
चरे
चरी
चरयः
द्वितीया
चरिम्
चरी
चरीन्
तृतीया
चरिणा
चरिभ्याम्
चरिभिः
चतुर्थी
चरये
चरिभ्याम्
चरिभ्यः
पञ्चमी
चरेः
चरिभ्याम्
चरिभ्यः
षष्ठी
चरेः
चर्योः
चरीणाम्
सप्तमी
चरौ
चर्योः
चरिषु
समास
चरि
॰
अव्यय
॰चरि
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© Gérard Huet 1994-2024